इबरानीमन 1
New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)
बेटा ह स्वरगदूतमन ले बड़े ए
1 पहिली जमाना म, परमेसर ह हमर पुरखामन ले, कतको बार अऊ कतको किसम ले अगमजानीमन के दुवारा गोठियाईस, 2 पर ए आखिरी दिन म, ओह हमर ले अपन बेटा के दुवारा गोठियाईस, जऊन ला ओह जम्मो चीज के ऊपर वारिस ठहराईस अऊ ओकरे दुवारा, ओह संसार ला बनाईस। 3 ओह परमेसर के महिमा के अंजोर ए अऊ ओह परमेसर के रूप के एकदम सही परतिनिधि ए अऊ ओह अपन सामरथी बचन के दुवारा जम्मो चीजमन ला संभालके रखथे। ओह मनखेमन के पाप ला सुध करके, स्वरग म परमेसर के जेवनी हांथ कोति जा बईठिस। 4 एकरसेति ओह स्वरगदूतमन ले जादा उत्तम ठहरिस, जइसने कि परमेसर ह ओला स्वरगदूतमन ले उत्तम नांव घलो दे रिहिस।
5 काबरकि परमेसर ह कोनो स्वरगदूत ला कभू ए नइं कहिस,
“तेंह मोर बेटा अस;
आज मेंह तोला पैदा करेंव।”[a]
या फेर ए नइं कहिस,
“मेंह ओकर ददा होहूं,
अऊ ओह मोर बेटा होही।”[b]
6 पर जब परमेसर ह अपन पहिलांत बेटा ला संसार म लानथे, त कहिथे,
“परमेसर के जम्मो स्वरगदूतमन ओकर अराधना करंय।”
7 स्वरगदूतमन के बारे म परमेसर ह ए कहिथे,
“परमेसर ह अपन स्वरगदूतमन ला पवन,
अऊ अपन सेवकमन ला धधकत आगी बनाथे।”[c]
8 पर बेटा के बारे म ओह कहिथे,
“हे परमेसर, तोर सिंघासन ह सदाकाल तक रहिही,
अऊ धरमीपन ह तोर राज के राज-दंड होही।
9 तेंह धरमीपन ले मया करय अऊ अधरम ले घिन करय;
एकरसेति, परमेसर,
तोर परमेसर ह आनंद के तेल ले तोर अभिसेक करे के दुवारा तोला तोर संगीमन ले ऊपर करे हवय[d]।”[e]
10 ओह ए घलो कहिथे,
“हे परभू, सुरू म, तेंह धरती के नीव रखय,
अऊ तेंह अपन हांथ ले स्वरगमन ला बनाय।
11 ओमन तो नास हो जाहीं,
फेर तेंह बने रहिबे; ओमन जम्मो पहिरे के कपड़ा सहीं जुन्ना हो जाहीं।
12 तेंह ओमन ला चादर सहीं घरियाबे;
अऊ ओन्ढा के सहीं ओमन बदल दिये जाहीं।
फेर तेंह हमेसा वइसनेच के वइसने रहिथस,
अऊ तेंह कभू डोकरा नइं होवस।”[f]
13 परमेसर कभू कोनो स्वरगदूत ला ए नइं कहिस,
“मोर जेवनी हांथ कोति बईठ,
जब तक कि मेंह तोर बईरीमन ला तोर गोड़ तरी के चौकी नइं बना देवंव।”[g]
14 का जम्मो स्वरगदूतमन सेवा करइया आतमा नो हंय? हव, ओमन अंय। अऊ ए स्वरगदूतमन ओमन के सेवा करे खातिर पठोय जाथें, जऊन मन उद्धार पाहीं।
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