भजन संहिता 111
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
1 यहोवा क गुण गावा।
यहोवा क आपन सम्पूर्ण मने स अइसी उ सभा मँ धन्यवाद करत हउँ
जहाँ सज्जन मिला करत हीं।
2 यहोवा महान करम करत ह।
लोगन जउन ओन चिजियन क महत्व जानत हीं ओनका खोजत हीं।
3 यहोवा फुरइ इ महिमामय अउर अचरजे स भरा काम करत हीं।
ओकरा खरापन सदा-सदा बना रहत ह।
4 परमेस्सर अद्भुत करम करत ह ताकि हम याद राखी
कि यहोवा करुणा स भरा अउर दाया स भरा बाटइ।
5 उ आपन भगतन क भोजन देत ह।
उ हमेसा आपन करार क याद राखत ह।
6 उ आपन लोगन क ओन भुइँया देइके
जउन दूसर रास्ट्रन अहइ महान कारज देखाएस ह।
7 परमेस्सर जउन कछू करत ह उ बिस्सास योग्य अउर फुरइ बाटइ।
ओकर सबहिं आग्यन नियावपूर्वक अहइँ।
8 परमेस्सर क आग्यन सदा ही बना रइहीं।
परमेस्सर क ओन आदेसन क देइ क प्रयोजन फुरइ अउ निस्पच्छ रहेन।
9 उ आपन लोगन क मुक्त करत ह।
उ ओनसे एक करार किहेस ह जउन सदा-सदा रहइ।
परमेस्सर क नाउँ अचरजे स भरा अउर पवित्तर अहइ।
10 विवेक भय अउर यहोवा क आदर स उपजत ह।
उ पचे लोग बुद्धिमान होत हीं जउन यहोवा क आदर करत हीं।
यहोवा क स्तुति सदा-सदा गाई जात रही।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.