भजन संहिता 11
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क पद।
1 मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ!
फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ।
तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाई आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!”
2 दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ।
उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं।
उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं।
उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं।
3 धर्मी का कइ सकहीं
जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?
4 यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ।
यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह।
यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह।
यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं।
5 यहोवा धर्मी अउ दुट्ठ लोगन क परख करत ह,
अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं।
6 उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई।
ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही।
7 मुला यहोवा, तू धर्मी अहा।
तोहका अच्छे जन भावत हीं।
अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.